हाहाहा.... कमाल कर दिया... भई ! आपने तो... भला शराब पीने में भी कुछ
अच्छाई हो सकती है... तुम कुछ भी कहोगे और हम मान लेंगे, अजी... जाओ...
किसी और को ये पाठ पढ़ाना |
अरे.... इसमें इतने हो-हल्ला करने की क्या बात है ? मैं अपने अनुभवों के आधार पर ये कह रहा हूँ|
तुम और तुम्हारे अनुभव.... साला... तुम लोग... ऐसे अनुभव लेते ही क्यों हो... जिसको साँझा करने में शर्म भी आये और उनको सही ठहराने के लिए तर्क भी ना हो.... जिंदगियां उजड़ जाती है, इस साली शराब के चक्कर में| अभी कोई तुम्हारा मरा नही है ना, इसलिए इस शराब की तरफदारी कर रहे हो...
बहुत ज्यादा ही बौखला रहे हो आप.... लगता है, आपका तो पूरा परिवार ही शराब पीकर, ख़त्म हुआ है.... हाहाहा...
जबान संभालकर... बोलिए.... परिवार और खानदान को बीच में लाने की जरुरत नही है....
मॉफ कीजिये... पर मुझे ऐसा लगा कि शराब ने बड़ा परेशान किया है आपको... वरना छोटी सी बात पे इतनी प्रतिक्रिया.... परेशानी क्या है, जो इतना उत्तेजित हो गये ?
देखो, भई.... मैं शराब इसीलिए नही पीता क्योंकि मैं एक भी पल अपनी ख़ुशी का गवाना नहीं चाहता और इसीलिए हमेशा होश में रहना चाहता हूँ, यही कारण है....पर तुम्हारे लिए ऐसी कौन सी वजहें हैं, जो शराब का इतना पक्ष ले रहे हो ?
जी.... आपने तो ना पीने की एक ही वजह बताई... और मेरे पास पीने की.... सैकड़ों वजह है....
पहली तो ये कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड से बहुत प्यार करता हूँ...
अबे... **** ये कौन सी वजह हुई ? या वो अब इस दुनिया में नही है ? गम में पीते हो ?
अरे... सुनिए तो...
असल में, उसे कहने की हिम्मत नही थी, तो उस टाइम ये शराब ही थी, जिसने ये कहने की हिम्मत मुझ में जगाई ... और आज वो मेरे साथ है...
अरे... भई... हिम्मत कहेंगे इसे ? ये तो आपका फटटूपना है, जो आप नही कह पाए... और जितने लोग... अपनी दिल की बात कहते है, वो क्या सारे शराब पीकर ही कहते है ? ये तो कोई तर्क नही हुआ, दूसरा बताओ....
शराब ने मेरे कई अधूरे अरमानों को पूरा करने में मदद की है...
जैसे ?
जैसे, सड़को पर चिल्लाना, गाने गाना, बेधड़क नाचना, घर से भाग जाना....
ये अरमान थे, तुम्हारे ? ये अरमान नही है, कोई कीड़ा है, जो बार बार तुम्हें गलत हरकते करने को कहता है, असल में तुम ये करना चाहते थे, शराब तो बहाना है... ये भी खारिज... और बताओ
ह्म्म्म... आपने कभी सच बोला है ? हाँ, मैं हमेशा सच ही बोलता हूँ...
मतलब कभी कडवा सच बोला है ?
क्या मतलब है, इस से ?
मतलब ये कि कभी... किसी को आईना दिखाया है, कि वो कैसा है और उस पर उसने बुरा भी ना माना हो...
मुझे किसी को आईना दिखाने की क्या जरुरत है... और ऐसा कौन होगा जो अपने बारे में गलत सुन कर बुरा ना माने ?
गलत सुन कर नही, बल्कि सच सुन कर.... बुरा मानते है वो, इसीलिए मुझे शराब मजा देती है...
मैं वो कह देता हूँ, जो मन में होता है... और शराब का बहाना हो जाता है, कि नशे में था...
यार.... क्या बकवास है ये... सीधा ये कहो कि तुम में सच कहने की हिम्मत नही है...
मुझमे हिम्मत है, पर उनमें ये सच सुनने की हिम्मत नहीं है, वो भी उस आदमी के मुंह से, जो होश में हो, इसीलिए ये शराब बड़ी मददगार है....
तुम फट्टू हो....
हाँ... शायद... लेकिन बस उस टाइम... जब मैं होश में होता हूँ......और होश रहे तो अरसा हो गया...
अरे.... इसमें इतने हो-हल्ला करने की क्या बात है ? मैं अपने अनुभवों के आधार पर ये कह रहा हूँ|
तुम और तुम्हारे अनुभव.... साला... तुम लोग... ऐसे अनुभव लेते ही क्यों हो... जिसको साँझा करने में शर्म भी आये और उनको सही ठहराने के लिए तर्क भी ना हो.... जिंदगियां उजड़ जाती है, इस साली शराब के चक्कर में| अभी कोई तुम्हारा मरा नही है ना, इसलिए इस शराब की तरफदारी कर रहे हो...
बहुत ज्यादा ही बौखला रहे हो आप.... लगता है, आपका तो पूरा परिवार ही शराब पीकर, ख़त्म हुआ है.... हाहाहा...
जबान संभालकर... बोलिए.... परिवार और खानदान को बीच में लाने की जरुरत नही है....
मॉफ कीजिये... पर मुझे ऐसा लगा कि शराब ने बड़ा परेशान किया है आपको... वरना छोटी सी बात पे इतनी प्रतिक्रिया.... परेशानी क्या है, जो इतना उत्तेजित हो गये ?
देखो, भई.... मैं शराब इसीलिए नही पीता क्योंकि मैं एक भी पल अपनी ख़ुशी का गवाना नहीं चाहता और इसीलिए हमेशा होश में रहना चाहता हूँ, यही कारण है....पर तुम्हारे लिए ऐसी कौन सी वजहें हैं, जो शराब का इतना पक्ष ले रहे हो ?
जी.... आपने तो ना पीने की एक ही वजह बताई... और मेरे पास पीने की.... सैकड़ों वजह है....
पहली तो ये कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड से बहुत प्यार करता हूँ...
अबे... **** ये कौन सी वजह हुई ? या वो अब इस दुनिया में नही है ? गम में पीते हो ?
अरे... सुनिए तो...
असल में, उसे कहने की हिम्मत नही थी, तो उस टाइम ये शराब ही थी, जिसने ये कहने की हिम्मत मुझ में जगाई ... और आज वो मेरे साथ है...
अरे... भई... हिम्मत कहेंगे इसे ? ये तो आपका फटटूपना है, जो आप नही कह पाए... और जितने लोग... अपनी दिल की बात कहते है, वो क्या सारे शराब पीकर ही कहते है ? ये तो कोई तर्क नही हुआ, दूसरा बताओ....
शराब ने मेरे कई अधूरे अरमानों को पूरा करने में मदद की है...
जैसे ?
जैसे, सड़को पर चिल्लाना, गाने गाना, बेधड़क नाचना, घर से भाग जाना....
ये अरमान थे, तुम्हारे ? ये अरमान नही है, कोई कीड़ा है, जो बार बार तुम्हें गलत हरकते करने को कहता है, असल में तुम ये करना चाहते थे, शराब तो बहाना है... ये भी खारिज... और बताओ
ह्म्म्म... आपने कभी सच बोला है ? हाँ, मैं हमेशा सच ही बोलता हूँ...
मतलब कभी कडवा सच बोला है ?
क्या मतलब है, इस से ?
मतलब ये कि कभी... किसी को आईना दिखाया है, कि वो कैसा है और उस पर उसने बुरा भी ना माना हो...
मुझे किसी को आईना दिखाने की क्या जरुरत है... और ऐसा कौन होगा जो अपने बारे में गलत सुन कर बुरा ना माने ?
गलत सुन कर नही, बल्कि सच सुन कर.... बुरा मानते है वो, इसीलिए मुझे शराब मजा देती है...
मैं वो कह देता हूँ, जो मन में होता है... और शराब का बहाना हो जाता है, कि नशे में था...
यार.... क्या बकवास है ये... सीधा ये कहो कि तुम में सच कहने की हिम्मत नही है...
मुझमे हिम्मत है, पर उनमें ये सच सुनने की हिम्मत नहीं है, वो भी उस आदमी के मुंह से, जो होश में हो, इसीलिए ये शराब बड़ी मददगार है....
तुम फट्टू हो....
हाँ... शायद... लेकिन बस उस टाइम... जब मैं होश में होता हूँ......और होश रहे तो अरसा हो गया...
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