Monday, July 20, 2015

मैं जानू ना.......

तेरे कानों के बुँदे,
तेरे गालों छू के,
क्या इशारे करे ?
मैं जानू ना.......
तेरा ये उड़ता आंचल,
तेरे नैनों का काजल,
क्यों पागल करे?
मैं जानू ना.......
तस्वीर से तेरी, यूँ तो,
मैं बातें रोज़ करता हूँ,
पर तुझसे क्या बोलूं ?
मैं जानू ना.......
मनीष 

Sunday, July 19, 2015

लेकिन क्यूँ ????

कुछ तुम चले,  कुछ हम चले,
पर न मिटे फ़ासले...
ना तुम रुके, ना हम रुके,
पर रुक गए सिलसिले....
ख्वाहिश थी, मिलने कि
पर मिल ना सके...
ज़िन्दगी भर का सपना ?
पर दो कदम चल ना सके...
रास्तें है, अलग और
अलग मंजिलें....
कुछ तुम चले,  कुछ हम चले,
पर न मिटे फ़ासले...
मनीष

Friday, July 17, 2015

बीता इतवार.....

ये जो इतवार बीता,
कुछ ऐसे यार बीता...
कि कुछ थकान सी है |
न चले हम, न गिरे हम,
ज़िन्दगी में ढलान सी है |
हवा थमी सी थी,
नैन सूखे थे, पर
गालोँ पर नमी सी थी,
वो इक़ पल जाने क्यूँ
बार-बार बीता ?
ये जो इतवार बीता,
कुछ ऐसे यार बीता...
मनीष 

Friday, July 3, 2015

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.....

लफ्जों  का दम घुट गया,
तेरा हुस्न देख कर, तो
ग्रन्थ-पोथियों ने भी,
खुद ख़ुशी कर ली,
तेरी तस्वीर में रंग भरू तो
भरू कैसे ? कि रंगों का रंग उड़
गया, तेरा रंग देख कर,
चाँद गिर गया,
तारे ढूंढने पर भी न मिले,
शाम भी भाग खड़ी हुई,
खुशबू जल गयी,
रौशनी बुझ गई,
फूलों का घमंड भी न बचा,
कलियाँ रो  पड़ी, तेरी हँसी देखकर,
दुनिया बची थी, बस
सोचा, ले चलू, पर
वो भी सर झुकाए खड़ी थी,
अब मुझे माफ़ कर दे,
तेरे जन्मदिन पर देने के लिए,
मुझे कुछ न मिला.......
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.....
मनीष