Friday, July 3, 2015

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.....

लफ्जों  का दम घुट गया,
तेरा हुस्न देख कर, तो
ग्रन्थ-पोथियों ने भी,
खुद ख़ुशी कर ली,
तेरी तस्वीर में रंग भरू तो
भरू कैसे ? कि रंगों का रंग उड़
गया, तेरा रंग देख कर,
चाँद गिर गया,
तारे ढूंढने पर भी न मिले,
शाम भी भाग खड़ी हुई,
खुशबू जल गयी,
रौशनी बुझ गई,
फूलों का घमंड भी न बचा,
कलियाँ रो  पड़ी, तेरी हँसी देखकर,
दुनिया बची थी, बस
सोचा, ले चलू, पर
वो भी सर झुकाए खड़ी थी,
अब मुझे माफ़ कर दे,
तेरे जन्मदिन पर देने के लिए,
मुझे कुछ न मिला.......
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.....
मनीष

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