Tuesday, June 23, 2015

सब कुछ देखा.... हमने

फूलों को रोते देखा,
आंसुओं को हँसते देखा,
लोगों की कब्रों पर, हमने,
लोगों को बसते देखा |
अपने पराये देखे,
कोसती, दुआएं देखी,
अपने बच्चों के खातिर,
बिकती, माएं देखी |
चोरों, को फलते देखा,
सच्चों को लुटते देखा,
जीने, के सपने का,
दम घुटते देखा |
सब कुछ देखा.... हमने
मनीष

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